Monday, May 9, 2011

अरुणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री का निधन

अरुणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री दोरजी खंडू का हेलीकाप्टर ३० अप्रैल को तवांग से ईटानगर के लिए चला पर ईटानगर नहीं पहुंचा और तवांग से कुछ ही दूरी पर दुर्घटना ग्रस्त हो गया। और इसमें मुख्यमंत्री के साथ ४ अन्य लोगों की मृत्यु हो गयी। जिसमे खंडू जी का शरीर जला नहीं था जबकि दोनों पायलट और उनके पी.एस.ओ. बिलकुल जले हुए थे और जो महिला थी वो भी जली हुई थी । जिस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि या तो पायलेट ने उन्हें कूदने के लिए कहा या उनके पी.एस.ओ.ने उन्हें नीचे धकेला ताकि वो बच जाए पर चूँकि उन्हें सर मे चोट लगी इस वजह से वो बच नहीं पाए।

मुख्य मंत्री जी के साथ-साथ जो दोनों पायलेट की मृत्यु हुई वो भी बहुत दुखदायी है क्यूंकि कई बार पायलेट कि गलती ना होते हुए भी उन्हें अपनी जान गवानी पड़ती है । कई बार पायलेट के ऊपर दबाव होता है तो कभी मौसम की वजह से क्रेश होता है।

हमें याद है जब हम लोग तवांग हेलीकाप्टर से गए थे और उतरने पर पायलेट को धन्यवाद दिया था तो उन्होंने ने कहा कि हमें नहीं भगवान को धन्यवाद दीजिये।

कितने दुःख की बात है कि तकरीबन ३०००० से ज्यादा आर्मी,इसरो,सुखोई,और चीता हेलीकाप्टर मुख्य मंत्री को खोज पाने मे असमर्थ रहे। और जिस तरफ उन्हें ढूँढने कि कोशिश की जा रही थी वो उससे बिलकुल दूसरी तरफ मिले। सबकी यही दलील है कि भूटान की तरफ उनका chopper जाने की सम्भावना और इसरो की सेट लाईट पिक्चर के वजह से सिर्फ भूटान की तरफ ही उन्हें ढूँढा जा रहा था । कई बार मन मे सवाल उठता है कि जब चीता या सुखोई तवांग से उड़े होंगे तो क्या उन्हें ऊपर से पूरा एरिया नहीं दिखता होगा। या क्या चीन से सटे बार्डर की तरफ देखने की जरुरत क्यूँ नहीं हुई।

तवांग का एरिया काफी दुर्गम सा है और चूँकि उस इलाके मे अक्सर snow fall होता रहता है और काफी ऊंचाई पर स्थित होने के कारण वहां अक्सर ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है। वैसे तवांग मे आर्मी का काफी बड़ा इसटैबलिशमेंट है। क्यूंकि तवांग के एक तरफ भूटान तो दूसरी चीन है।


जब दोरजी खंडू जी का हेलीकाप्टर लापता हुआ तो कुछ घंटे बाद जब भूटान से उनके मिलने की खबर आई तो यहां सभी ने राहत की सांस ली थी पर जब अगले २-३ घंटे मे वो ईटानगर नहीं पहुंचे तब सभी को चिंता होने लगी थी । और फिर अगले ५ दिन तक बस अलग-अलग ख़बरें ही आती रही और आखिरी मे ५ मई को हेलीकाप्टर का मलबा मिलने और उसमे सवार सभी लोगों की मृत्यु की खबर आई।

बेहद अफ़सोस की बात है कि हमारे देश के इतने सारे न्यूज़ चैनल होने के बाद भी इस खबर को कि एक राज्य के मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर समेत लापता थे ज्यादा तवजोह नहीं दी गयी। बल्कि ओसामा बिन लादेन के अमेरिका द्वारा मारे जाने की खबर को दिखाया जाता रहा। और आज तक दिखाया जा रहा है। और क्यूँ ना हो आखिर दोरजी खंडू जी की खबर से कोई टी.आर.पी थोड़ी बढती इन चैनेल्स की।

अरुणाचल मे खंडू जी को laughing buddha कहा जाता था क्यूंकि वो हमेशा ही हँसते-मुस्कुराते रहते थे। और ये हमने खुद भी देखा है क्यूंकि यहां ज्यादातर function मे वो मुख्य अथिति होते थे।

अब १० मई को उनका तवांग मे बुद्ध धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। क्यूंकि वो मोनपा tribe के थे । मोनपा मे अंतिम संस्कार दो तरह से किया जाता है ,एक जिसमे शरीर के १०८ टुकड़े करके नदी मे बहा दिया जाता है और दूसरे मे किसी पहाड़ पर मृतक के शरीर को रख दिया जाता है। और ये सब मोनेसट्री के लामा मरने वाले के अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर तय करते है । वैसे खंडू जी इस प्रथा के खिलाफ थे कि शरीर के टुकड़े नदी मे बहाए किये जाए । उनकी इच्छा थी कि उन्हें या तो दफनाया जाए या फिर हिन्दू रीति से अग्नि को समर्पित कर दिया जाए।

खैर उनके परिवार वालों ने उनका अंतिम संस्कार बुद्ध धर्म के अनुसार करने का निर्णय लिया है। बस भगवान से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति दे।




1 comment:

  1. ममता जी, नमस्कार
    हमें भी दुख है आपके यहां के मुख्यमंत्री की अचानक हुई मौत पर

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