Monday, February 28, 2011

silver jublee of arunachal pradesh statehood day


२० फरवरी २०११ को अरुणाचल प्रदेश ने अपने यूनियन टेरिटरी से राज्य बनने के २५ साल पूरे होने को खूब हर्षो-उल्लास से मनाया गया। इस समारोह का आयोजन ईटानगर के इंदिरा गाँधी पार्क मे आयोजित किया गया था । इस अवसर पर मोंटेक सिंह अहलुवालिया और उनकी त्नी इश जज अहलुवालिया मुख्य अतिथि थे ।

अरुणाचल के गवर्नर जे.जे सिंह ,उनकी पत्नी अनुपमा सिंह ,मुख्य मंत्री दोरजी खंडू और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम की शुरुआत मे सबसे पहले गवर्नर जे.जे. सिंह ने तिरंगा झंडा फहराया। उसके बाद राष्ट्रीयगान हुआ और फिर गवर्नर ,मुख्य मंत्री,और मुख्य अतिथि अहलुवालिया का भाषण हुआ।

इसके बाद गुवाहाटी के मुख्य न्यायाधीश ने अरुणाचल प्रदेश के सोविनियर का विमोचन किया । और उसके बाद रंगारंग कार्यक्रम पेश किये गए। जिसमे अरुणाचल की विभिन्न tribes ने डांस प्रस्तुत किये। ( जैसे गालो ,निशि,मोनपा,अपातानी ,अदि,मिश्मी,)

इन कार्यक्रमों के दौरान सारी जनता को टी.शर्ट ,कैप,और सोविनियर भी बांटे गए :)

इसके बाद गवर्नर,और मुख्य अतिथि ने पुस्तक मेला,food exibition stall,और pan east international expo जिसमे थाईलैंड,म्य्नामार ,कीनिया ,बांग्लादेश ,जैसे देशों की stalls का उदघाटन किया।जहाँ रियल स्टोन और अनेकों प्रकार की ज्वेलरी मिल रही थी वहीँ कोलकता के अचार और भी मिल रहे थे। साथ ही दिल्ली और मुंबई की भी दुकाने थी जहाँ बागवानी से जुडी चीजें मिल रही थी और साथ ही साथ थाईलैंड की पेंटिंग्स भी मिल रही थी। टर्की के lamp shade जो की बहुत ही खूबसूरत और महंगे थे मिल रहे थे ।


तीन दिन के इस समारोह मे यहां पर सारे दिन और शाम को कुछ ना कुछ कार्यक्रम चलते रहते थे दिन मे flower show ,किसकी सब्जी सबसे अच्छी,पचीस सवाल पचीस हजार,और डांस की अलग-अलग प्रतियोगिताएं होती रहती है।जिसमे बच्चे बड़े सभी भाग लेते थे।
रोज शाम को यहां पर कल्चरल प्रोग्रामे होते है जिसमे लोक नृत्यों के साथ-साथ मॉडर्न डांस भी होते थे

खाने-पीने की stall पर दिन मे तो कम पर रात मे खूब भीड़ होती है ।आखिरी दिन शाम को यहां rock show भी हुआ । 1 दिन तक चले इस पुस्तक मेले सब कुछ वैसा ही था जैसा की कहीं भी होता है मतलब जिसमे बच्चों से लेकर बड़े लोगों के लिए किताबें उपलब्ध थीबागवानी से लेकर रसोई तक ,शोभा डी से लेकर खुशवंत सिंह तक और सलीम अली से लेकर मामंग देई (अरुणाचल की है और उन्हें अभी हाल ही मे पद्म श्री भी मिला है ) तक सभी की किताबें उपलब्ध थी

इसी दिन से यहां पर खादी ग्रामोद्योग की प्रदर्शनी भी शुरू हुई। जिसकी वजह से यहां पर काफी रौनक रहती थी ।कुल मिलाकर काफी अच्छा रहा इन सभी मेलों मे घूमना :)