Friday, April 9, 2010

मोपिन फेस्टिवल (mopin festival of Aalo)

५ अप्रैल को ईटानगर मे mopin festival बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया।ये festival अरुणाचल प्रदेश के Aalo डिस्ट्रिक्ट का मुख्य festival है।और इसे यहां की गालो (galo) tribe नए साल के रूप मे मनाती है। ये festival पूरे एक हफ्ते तक चलता है। पहली अप्रैल से ८ अप्रैल तक चलने वाले इस festival मे शुरू के २ दिनों मे विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। और तीसरे दिन priest का स्वागत किया जाता है, चौथे दिन ईटानगर मे बने मोपिन ग्राउंड मे इनके priest आते है और इसी दिन मोपिन ग्राउंड मे rice beer तथा अन्य खाने-पीने की चीजें तैयार की जाती है।पांचवे दिन मुख्य समारोह होता है और इसी दिन mopin देवी की स्थापना की जाती है। और galo tribe के लोग अपने यहां लंच और डिनर आयोजित करते है जिसमे सभी लोग आमंत्रित होते है ।

छठे दिन दिन फिर से सभी लोग सुबह mopin ग्राउंड मे इकठ्ठा होते है और आयोजित जगह पर लंच और डिनर करने जाते है। और यहां भी खूब डांस वगैरा होता है। और एक अच्छी बात ये होती है कि आम जनता के आने-जाने के लिए बस वगैरा की सुविधा भी लोगों को उपलब्ध कराई जाती है। जिससे उन्हें आने-जाने मे परेशानी ना हो। सातवें दिन मोपिन नाईट मनाई जाती है जिसमे खूब नाच-गाना होता है। आठवें दिन इस festival का समापन होता है
इस festival के माध्यम से लोगों को ये सन्देश जाता है कि agricultural season शुरू हो गया है मोपिन देवी के आशीर्वाद से और व्यक्ति की कड़ी मेहनत से समृद्धि,अच्छी सेहत और धरती पर रहने वाले सभी वन्य जीव-जन्तुओं को संरक्षित किया जा सकता है। (It is the ritual for fertility of crops,plants,animals,and human beings.)
मोपिन (agriculture) कृषि की देवी का नाम है। mopin anv (मदर) ने सबसे पहले अबू तानी (तानी ग्रुप का पहला व्यक्ति जो सबसे पहले धरती पर आया था। ) को बोने की कला (art of cultivation)सिखाई थी। ना केवल खेती की कला सिखाई बल्कि mopin और उनकी २ बेटियों piqku pintv और dwyww taamww ने खेती और बोने के काम आने वाली वस्तुएं और बीज अबू तानी को दिखाए और उनका प्रयोग करना भी सिखाया । और mopin anv तुलना अन्नपूर्णा देवी और लक्ष्मी से की जा सकती है ।
इस दिन सभी बड़े और बच्चे सफ़ेद रंग के कपडे पहनते है क्यूंकि सफ़ेद शुद्धता और शान्ति का प्रतीक है। महिलायें हरे मोतियों की लम्बी सी माला पहनती है तथा कमर मे करधनी सी पहनती है। और सभी पुरुष सफ़ेद रंग की जैकट और नीले रंग के मोतियों की माला पहनते है। और कुछ लोग सफ़ेद टोपी पहनते है तो कुछ लोग बम्बू की बनी टोपी भी पहनते है। (हम को भी सफ़ेद रैप अराउंड दिया गया जिसे हमने डिनर मे पहना था ) :)

५ अप्रैल को हम भी ईटानगर मे बने mopin ग्राउंड मे mopin festival को देखने गए थे।हालाँकि इस दिन खूब बारिश हो रही थी और एक बार तो हम लोग यहां जाने का प्रोग्राम कैंसिल भी कर रहे थे पर फिर जब थोड़ी बारिश रुकी तो हम लोगों ने सोचा की चल कर देख ही लिया जाए। और जब मोपिन ग्राउंड मे हुंचे तो वहां मौजूद लोगों का जोश देखकर लगा की अच्छा हुआ जो हम लोग आ गए वर्ना इस साल इस festival को देखने का मौका चूक जाते।

गेट पर जैसे ही पहुंचे तो सबसे पहले लड़के-लड़कियां जो स्वागत के लिए खड़े होते है उन्होंने चावल और अदरक से बने पेस्ट को गाल पर लगाया और हैप्पी मोपिन कहा । इस फोटो मे stage पर जो ये झालर सी देखाई दे रही है वो बम्बू से ही बनी है। इस festival के मुख्य अतिथि अरुणाचल प्रदेश के वित्त मंत्री setong sena (सफ़ेद जैकट पहनते हुए)थे और विशेष अतिथि यहां के लोकल एम.एल.ए. techi kaso(भूरी जैकट मे ) थे।और यहां के मुख्य सचिव tabom bam इसके चीफ पेट्रन थे। festival के दौरान rice beer और कोल्ड ड्रिं और भिन्न -भिन्न प्रकार के स्नेक्स सर्व किये गए ।
मुख्य फेस्टिवल के दिन सुबह ७ बजे से ही लोग मोपिन ग्राउंड मे इकठ्ठा होने लगते है और फिर दोपहर तक कार्यक्रम चलता है। जिसमे सबसे पहले rice beer सर्व की जाती है और इनका पारंपरिक डांस पोपिर (popir) शुरू होता है। उसके बाद मोपिन देवी को स्थापित किया जाता है।हालाँकि हम ये देख नहीं पाए थे क्यूंकि हम जरा देर से पहुंचे थे । :(
festival शुरू करने के पहले mopin anthem भी गाया गया। समारोह के दौरान ही बीच-बीच मे मुख्य अतिथि और विशेष अतिथि ने भाषण भी दिया और साथ- साथ popir डांस भी प्रस्तुत किया गया। । इस अवसर पर खिलाड़ियों को पुरस्कार भी दिए जाते है।और आखिर मे सभी मेहमान मिलकर डांस करते है। और डांस के दौरान piqku pintv और dwyww taamww का उदघोष करते रहते है।
mopin festival के दौरान मिथुन की बलि चढ़ाई जाती है। और बलि चढाने के पहले लोग मिथुन की पूजा करते है , और बलि के बाद मिथुन के बाल और रक्त को लोग अपने-अपने घर ले जाते है क्यूंकि इसे बहुत auspicious माना जाता है
मिथुन की बलि के बाद एक बार फिर सभी लोग चावल का पेस्ट सभी को बिलकुल उसी तरह लगाते है जिस तरह होली मे हम लोग गुलाल लगाते है।

और समारोह के खत्म होने के बाद हम लोग भी आयोजित जगह पर लंच खाने गए । और वहां पर एक बार फिर से चावल का पेस्ट लगाकर स्वागत किया गया । वहां पर भी खूब डांस और गाने का कार्यक्रम हुआ। साथ ही बहुत बढ़िया लंच भी हुआ। शाम को हम लोग भी बिलकुल पारंपरिक पहनावे मे मतलब सफ़ेद ड्रेस मे गए और मोपिन festival का भरपूर आनंद लिया। और फिर अप्रैल को मुख्य सचिव के घर पर आयोजित डिनर पर भी गए जहाँ डिनर के पहले गीत-संगीत का सुन्दर आयोजन था और स्वादिष्ट डिनर का भी आयोजन था। । और यहां पर मुख्य सचिव की पत्नी tobi bam ने बहुत ही खूबसूरत एक गीत प्रस्तुत किया था।

और फिर को मोपिन नाईट का मजा लिया :)

6 comments:

  1. मोपिन महोत्सव का नाम तो उत्तर भारत में किसी ने सुना ही नहीं होगा ..पर आपकी पोस्ट ने हम सब को इस महोत्सव से अवगत करवा दिया ..शुक्रिया आपका..."

    ReplyDelete
  2. अभी आपका कमेन्ट मिला वहां से यहाँ आने पर नया ब्लॉग देखा तो आप यहाँ व्यस्त है :) अभी कुछ पढ़ा है यह बहुत रोचक ढंग से लिखा है आपने बाकी आराम से पढ़ते हैं ...बुक मार्क कर लिया हैयह

    ReplyDelete
  3. ममता जी,
    नई जगह पर नया ब्लॉग अच्छा लगा । जिले का नाम(उच्चारण) ’आलो’ तो नहीं?

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  5. जी इसे आलो या अलो कहा जाता है।

    ReplyDelete
  6. मोपिन उत्सव के बारे में जानकारी के लिए आभार -इस सांस्क्रतिक पर्वो से बलि जैसी नृशंस प्रथायें कब ख़त्म होगी !

    ReplyDelete