Monday, April 4, 2011

हमारी फूलों की बगिया .....


अरे
हम कोई गाना नहीं सुनवाने जा रहे है बल्कि हमने सोचा की क्यूँ ना आज आप लोगों को अपने बगीचे की कुछ सैर करवा दी जाए अब आप लोग कहेंगे कि अब तो फूलों का मौसम कुछ ख़त्म हो रहा है और हम अब फूलों की बात कर रहे है। तो वो क्या है कि हम घर मे नवम्बर मे शिफ्ट हुए थे और घर मे शिफ्ट होने के बाद ही फूलों के पौधे लगाए थे तो जाहिर सी बात है कि जब पौधे देर से लगाए थे तो फूल भी देर से ही आने थे। :)



और फिर हमारे carrey (doggi)से भी तो पौधों को बचना होता है क्यूंकि जब carrey दौड़ते है तो उसके पैरों से कुछ पौधे दब जाते थे। और हम लोग रोज गिनते थे कि कितने पौधे बचे।


ना केवल पौधे बल्कि जब फूल खिल गए तब भी यही हाल है रो देखते है कि आज कौन सा फूल टूटा या बचा।

काफी समय बाद अपनी बगिया मे - रंग के हमने गेंदे के फूल जिसमे सफ़ेद गेंदे का फूल भी है
गेंदे के फूल वो चाहे हजारा हो या फिर माला मे पिरोये जाने वाले छोटे -छोटे पीले और कुछ लाल से फूल ही क्यूँ ना हो सभी खूब खिले

औए डहेलिया के इतने सारे रंग देखे कि क्या कहें। ही पेड़ मे अलग-रंग के डहेलिया देखकर मन खुश हो जाता है।

वेर्बिना और जीनिया की तो बात ही क्या

पेंजी और पिटुनिया के खूबसूरत फूलों का तो कोई जोड़ ही नहीं

वहीँ गजानिया और सालविया भी कुछ कम नहीं । गजानिया भी सूरजमुखी की तरह ही है ये भी सूरज की रौशनी पड़ने पर यानी धूप मे ही खिलता है और जिस दिन बारिश होती है उस दिन ये फूल नहीं खिलता है।

वैसे हमारे घर मे ऑर्किड भी धीरे-धीरे खिल रहे है अब अरुणाचल मे रहे और ऑर्किड घर मे ना ना लगाए ये तो कोई बात नहीं।

वैसे आपको बता दे यहां पर ऑर्किड की जितनी वैराइटी मिलती है उतनी कहीं और नहीं मिलती है।इंडिया मे मिलने वाली तकरीबन साढ़े ग्यारह सौ वैराईटी मे से ६०० तरह के ऑर्किड यहां अरुणाचल मे ही मिलते है। और ऑर्किड के खिलने का समय फरवरी से लेकर मई-जून तक रहता है जब ऑर्किड लगाए तब पता ला कि जहाँ कुछ ऑर्किड मिटटी मे लगाए जाते है तो कुछ सिर्फ कोयला,पत्थर और बालू भरे गमलों मे लगाए जाते है।






जहाँ कुछ ऑर्किड सिर्फ हवा (air orchid) से ही अपना पोषण लेते है। तो वहीँ कुछ ऑर्किड पेड़ों से ही अपना पोषण लेते है।

तो कहिये हमारे बगीचे की सैर कैसी रही।:)

4 comments:

  1. भारतीय नव वर्ष की आप को हार्दिक शुभकामनाये

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  2. ममता जी ! फूलों के हम भी शौक़ीन हैं ...आपकी बगिया खूबसूरत लगी. मगर कैट फ्लावर नज़र नहीं आया ? ओर्किड्स की दुनिया बड़ी ही निराली होती है .....इनका असली घर तो हिमालयन बेल्ट ही है.....कुछ ओर्किड्स तो मेडिसिनल वेल्यू वाले भी होते हैं.

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  3. सुंदर फ़ूलों की बगिया की सैर कराई आपने
    मजा आ गया, नवसंवतसर की हार्दिक बधाई।

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  4. बहुत सुन्दर, धन्यवाद!

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