Thursday, April 29, 2010

तवांग यात्रा --१ !(tawang)


तवांग अरुणाचल प्रदेश का एक डिस्ट्रिक्ट है और एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है । तवांग जाने के लिए आसाम से होकर जाते है फिर चाहे सड़क के रास्ते जाए या फिर हेलीकाप्टर से जाए। भूटान और चीन तवांग के सीमावर्ती देश है।वैसे नवम्बर-दिसंबर मे चीनी सैनिकों की इसके बोर्डर के पास पहुँचने की खबर तो आप लोगों ने भी देखी ही होगी। जब हेलीकाप्टर से जाते है तो भूटान को cross करते है।खैर जब हम लोगों ने तवांग जाने का कार्यक्रम बनाया तो ये सोचा गया कि एक तरफ से हेलीकाप्टर से जाया जाए और लौटने मे सड़क के रास्ते आया जाए जिससे दोनों तरफ का मजा लिया जा सके। तो जनवरी मे जब यहां मौसम काफी अच्छा था तो हम लोगों ने तवांग के लिए पवनहंस हेलीकाप्टर का टिकट लिया (३ हजार)प्रति व्यक्ति । वैसे चाहे गौहाटी से जाए तब भी इतना ही किराया लगता है।
ईटानगर से गौहाटी का रास्ता १ घंटे १० मिनट मे पूरा किया । और वहां से गौहाटी के यात्री उतर गए और आधे घंटे तक हेलिकॉप्टर गौहाटी मे रुका रहा और फिर वहां से ३-४ और लोग तवांग जाने के लिए चढ़े। २४ सीट वाले हेलिकॉप्टर मे सिर्फ ८ यात्री और ५ crew member तवांग के लिए चले।गौहाटी से तवांग की दूरी १ घंटे मे पूरी करते है। जिसमे पहले २० मिनट हेलिकॉप्टर आसाम और फिर अगले २० मिनट भूटान और उसके बाद अगले २० मिनट अरुणाचल प्रदेश के ऊपर से गुजरता है
क्यूंकि जब हेलिकॉप्टर गौहाटी से दोबारा अपनी उड़ान भरता है तो कॉकपिट का दरवाजा खुला ही रहता है। जिससे सामने का पूरा view दिखता रहता है। भूटान cross करने मे जो २० मिनट लगते है उस दौरान रोमांच और डर दोनों की मिली जुली सी फीलिंग आती है। सांस अटकी रहती है क्यूंकि उस बीच मे हेलीकाप्टर के कॉकपिट का दरवाजा खुला रहता है और सामने दो पहाड़ों के बीच से हेलीकाप्टर गुजरता हुआ दिखता रहता है और नीचे खाई दिखती रहती है। और हवा के दबाव की वजह से हेलीकाप्टर थोड़ा-थोड़ा हिलता -डुलता सा चलता है। और उनका एक crew member emergency button हाथ मे पकडे रहता है जिसे देख देख कर थोड़ा और डर लगता रहता है।

जब
हेलीकाप्टर भूटान से गुजरता है तो दाहिनी ओर सबसे पुरानी मोनेसट्री भी दिखाई पड़ती है। पर चूँकि हम बायीं ओर बैठे थे इसलिए सोचा था कि भूटान मे प्रवेश करते ही दाहिनी ओर चले जायेंगे पर बाद मे हिम्मत नहीं हुई।पर हाँ अगली बार तवांग जाने पर उस मोनेसट्री की फोटो जरुर खींचेंगे।
तवांग तकरीबन ८ हजार फीट की ऊंचाई पर है और यहां ज्यादातर सर्दी का मौसम रहता है, और अक्सर बर्फ भी गिरती रहती है।जून,जुलाई और अगस्त मे यहाँ खूब बारिश होती है और सितम्बर से नवम्बर का समय सबसे अच्छा होता है यानी की सुहावना मौसम होता है और यहां अक्टूबर मे tourisim festival होता है। और नवम्बर से मार्च तक का समय जाड़े का होता है। तवांग की मुख्य नदी का नाम तवांग चू (tawang chu) है ।और यहां की मुख्य tribe मोनपा (monpa)है। और यहां की औरतें जो तिब्बती स्टाइल का गाऊन पहनती है उसे चुपा (chupa) और आदमी जो तिब्बती स्टाइल की शर्ट पहनते है उसे तोह-थुंग (toh-thung)कहते है। और ये लोग पारंपरिक स्टाइल का जो coat पहनते है उसे खंजर (khanjar)कहते है। और यहां के लोग एक ख़ास तरह की कैप पहनते है जिसे गामा शोम ( ngama-shom ) कहते है और ये याक (yak) के बालों से बनी होती है।

यूँ तो यहां पर कई त्यौहार मनाये जाते है जिनमे लोसर (losar)जिसके बारे मे हमने पहले mamtatv पर लिखा था वो मुख्य त्यौहार है जिसे नए साल के रूप मे बनाया जाता है। और तोरग्या (torgya) जिसे बुराइयों को और किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा को दूर रखने के लिए मनाया जाता है। ये त्यौहार जनवरी मे मनाया जाता है।और यहां का lion dance भी काफी मशहूर और देखने लायक होता है।

नोट--जैसे हिंदी फिल्मों मे दिखाते है कि हेलीकाप्टर मे लोग बड़े आराम से बात करते है या गाना गाते है पर असल मे ऐसा नहीं होता है। हेलीकाप्टर मे इतनी आवाज होती है कि कुछ ठीक से सुनाई भी नहीं देता है और बिना headphone के बैठा ही नहीं जाता है। :)

ये सारी फोटो हेलीकाप्टर से ली है सिर्फ पहली और आखिरी दो फोटो को छोड़ कर


8 comments:

  1. बढ़िया जानकारी दी और तस्वीरें देखकर आनन्द आया...आपकी जो भी हालत हुई हो, हमें तो मजा आया!! :)

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  2. पूर्वी प्रदेशों के बारे में हिन्दी में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है, और वाकई हमने कई बातें पहली बात सुनी हैं इस पोस्ट में भी... अब तो इन प्रदेशों में जाने की इच्छा और तीव्र होती जा रही है।

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  3. वैचारिक उम्दा विश्लेष्णात्मक और जानकारी आधारित रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

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  4. तवांग यात्रा वृत्तांत रोचक रहा. चित्र भी न्बदे सुन्दर लग रहे हैं. "हमने पहले mamtatv पर लिखा था" इस जगह लिंक उपलब्ध नहीं है. सुधार कर लें.

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  5. शुक्रिया सुब्रमनियन जी ।
    लोसर का लिंक ठीक कर दिया है। लोसर पर क्लिक करके आप उस पोस्ट को देख पायेंगे।

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  6. तवांग की इस खूबसूरत यात्रा के हम ब्लॉग हमसफ़र है आपके ....

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  7. अब तो तवांग जाना ही पड़ेगा, अच्छी जानकारी दी है, धन्यवाद्!

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  8. जब भी पूर्व में आयेगे तो तवांग जरुर आयेगे,

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