Saturday, April 17, 2010
रोंगाली बिहू फेस्टिवल (rongali bihu) लावण्या जी ये पोस्ट आपके लिए है
लावण्या जी आपने हमसे ईटानगर आने पर बिहू पर कुछ लिखने के लिए कहा था तो आज की ये पोस्ट आपके लिए ख़ास तौर पर।परसों यानी १४ अप्रैल को यहां ईटानगर मे बिहू बड़े ही जोश से मनाया गया ।बिहू जिसे आसाम मे नए साल के रूप मे मनाया जाता है।और इस दिन से बसंत (स्प्रिंग सीजन ) का आगमन भी मानते है. ,और साथ-साथ ये फेस्टिवल कृषि से भी जुडा है। यहां ईटानगर मे भी आसामी लोगों की काफी संख्या है और इसीलिए हमें भी ये फेस्टिवल देखने का मौका मिला।:)
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अब बिहू डांस तो हमने देखा था पर असल मे बिहू क्या है ये कल ही पता चला।और पहली बार ये भी पता चला कि आसाम मे ३ बिहू फेस्टिवल मनाये जाते है - रोंगौली बिहू (बोहाग बिहू), कोंगौली बिहू (काती बिहू) ,भोगौली बिहू (माघ बिहू) इस फेस्टिवल मे मौजूद लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि बिहू यानी जिस दिन नया साल शुरू होता है उसी दिन खेतों मे पहली बार हल चलाया जाता है। किसान लोग अपनी नयी फसल बोने के लिए तैयारी करते है। और लड़के लड़कियां नाचते है गाते है खुशियाँ मनाते है। लोग नए कपडे पहनते है।
बिहू के दिन ख़ास पकवान बनाए जाते है जिसमे पीठा मुख्य होता है। पीठा पिसे चावल से बनाया जाता है
बिलकुल पैन केक की तरह। और इसमें तिल,नारियल वगैरा की फिलिंग करते है।तो चलिए अब कुछ आँखों देखा वर्णन भी हो जाए बिहू का ।क्यूँ ठीक है ना। :)
यहां के मोपिन ग्राउंड मे सुबह करीब ११ बजे बिहू उत्सव की शुरुआत मेसबसे पहले झंडा फहराया गया और एक बेहद मीठा और खूबसूरत गीत गाया गया। और उसके बाद कुछ नृत्य प्रतियोगिताएं हुई। और फिर ढाई बजे से मुख्य कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमे मुख्य अतिथि rural development मंत्री तकर मारदे (takar marde) तथा अन्य मेहमानों का पारंपरिक ढंग से यानी गोम्सा,(gomsa)जापी,(jaapi) से स्वागत किया गया। और सबको एक लैम्प भी दिया गया ।(इसे क्या कहते है नहीं जानते है )
और उसके बाद अलग-अलग ग्रुप समूहों ने मशहूर बिहू नृत्य पेश किये । जिनमे आसाम की सुन्दर झलक देखने को मिली।
और यहां पर दोनयी पोलो स्कूल के स्पेशल चिल्ड्रन के ग्रुप ने बहुत ही खूबसूरत बिहू नृत्य आसाम के पारंपरिक पहनावे यानि मेखला पहनकर पेश किया था । बाद मे इन बच्चों को इनके सुन्दर डांस परफोर्मेंस के लिए पुरस्कार दिया गया था।
हम लोग तो थोड़ा जल्दी वापिस आ गए थे पर ये कार्यक्रम काफी देर तक चलता रहा था।विडियो हमने youtube पर अपलोड किये है । चाहे तो देख सकते है क्यूंकि आजकल हमें ब्लॉगर मे विडियो अपलोड करने मे कुछ दिक्कत आ रही है।
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sundar tasvire aur post !
ReplyDeletebehtreen tasveere
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र .. बढिया विवरण !!
ReplyDeleteअसं के बिहू के बारे में सचित्र वर्णन बहुत अच्छा लगा. केरल में उसी दिन (इस वर्ष १५ तारीख को पड़ा) विशु मनाया जाता है.
ReplyDeleteममता जी , देखिये , आप जहां भी स्थायी होतीं हैं वहीं के परिवेश व लोक सब्स्कृति के बारे में हमें नित नई जानकारी सचित्र मिलतीं हैं ये सब जानकार बड़ा अच्छा लगा देखिये, हमारे भारत के कितने विभिन्न और संगीन रूप हैं ये त्यौहार ' बिहू ' ३ बार मनाते हैं ये भी जान्ने को मिला
ReplyDeleteमेरे नाम से पोस्ट लिखने का शुक्रिया - आप मेरी नई प्रविष्टी भी देखिएगा और इसी तरह लिखती रहियेगा
स स्नेह,
- लावण्या