तवांग अरुणाचल प्रदेश का एक डिस्ट्रिक्ट है और एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है । तवांग जाने के लिए आसाम से होकर जाते है फिर चाहे सड़क के रास्ते जाए या फिर हेलीकाप्टर से जाए। भूटान और चीन तवांग के सीमावर्ती देश है।वैसे नवम्बर-दिसंबर मे चीनी सैनिकों की इसके बोर्डर के पास पहुँचने की खबर तो आप लोगों ने भी देखी ही होगी। जब हेलीकाप्टर से जाते है तो भूटान को cross करते है।
ईटानगर से गौहाटी का रास्ता १ घंटे १० मिनट मे पूरा किया । और वहां से गौहाटी के यात्री उतर गए और आधे घंटे तक हेलिकॉप्टर गौहाटी मे रुका रहा और फिर वहां से ३-४ और लोग तवांग जाने के लिए चढ़े। २४ सीट वाले हेलिकॉप्टर मे सिर्फ ८ यात्री और ५ crew member तवांग के लिए चले।गौहाटी से तवांग की दूरी १ घंटे मे पूरी करते है। जिसमे पहले २० मिनट हेलिकॉप्टर आसाम और फिर अगले २० मिनट भूटान और उसके बाद अगले २० मिनट अरुणाचल प्रदेश के ऊपर से गुजरता है।
क्यूंकि जब हेलिकॉप्टर गौहाटी से दोबारा अपनी उड़ान भरता है तो कॉकपिट का दरवाजा खुला ही रहता है। जिससे सामने का पूरा view दिखता रहता है। भूटान cross करने मे जो २० मिनट लगते है उस दौरान रोमांच और डर दोनों की मिली जुली सी फीलिंग आती है। सांस अटकी रहती है क्यूंकि उस बीच मे हेलीकाप्टर के कॉकपिट का दरवाजा खुला रहता है और सामने दो पहाड़ों के बीच से हेलीकाप्टर गुजरता हुआ दिखता रहता है और नीचे खाई दिखती रहती है। और हवा के दबाव की वजह से हेलीकाप्टर थोड़ा-थोड़ा हिलता -डुलता सा चलता है। और उनका एक crew member emergency button हाथ मे पकडे रहता है जिसे देख देख कर थोड़ा और डर लगता रहता है।
जब हेलीकाप्टर भूटान से गुजरता है तो दाहिनी ओर सबसे पुरानी मोनेसट्री भी दिखाई पड़ती है। पर चूँकि हम बायीं ओर बैठे थे इसलिए सोचा था कि भूटान मे प्रवेश करते ही दाहिनी ओर चले जायेंगे पर बाद मे हिम्मत नहीं हुई।पर हाँ अगली बार तवांग जाने पर उस मोनेसट्री की फोटो जरुर खींचेंगे।
तवांग तकरीबन ८ हजार फीट की ऊंचाई पर है और यहां ज्यादातर सर्दी का मौसम रहता है, और अक्सर बर्फ भी गिरती रहती है।जून,जुलाई और अगस्त मे यहाँ खूब बारिश होती है और सितम्बर से नवम्बर का समय सबसे अच्छा होता है यानी की सुहावना मौसम होता है और यहां अक्टूबर मे tourisim festival होता है। और नवम्बर से मार्च तक का समय जाड़े का होता है। तवांग की मुख्य नदी का नाम तवांग चू (tawang chu) है ।
यूँ तो यहां पर कई त्यौहार मनाये जाते है जिनमे लोसर (losar)जिसके बारे मे हमने पहले mamtatv पर लिखा था वो मुख्य त्यौहार है जिसे नए साल के रूप मे बनाया जाता है। और तोरग्या (torgya) जिसे बुराइयों को और किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा को दूर रखने के लिए मनाया जाता है। ये त्यौहार जनवरी मे मनाया जाता है।और यहां का lion dance भी काफी मशहूर और देखने लायक होता है।
नोट--जैसे हिंदी फिल्मों मे दिखाते है कि हेलीकाप्टर मे लोग बड़े आराम से बात करते है या गाना गाते है पर असल मे ऐसा नहीं होता है। हेलीकाप्टर मे इतनी आवाज होती है कि कुछ ठीक से सुनाई भी नहीं देता है और बिना headphone के बैठा ही नहीं जाता है। :)
ये सारी फोटो हेलीकाप्टर से ली है सिर्फ पहली और आखिरी दो फोटो को छोड़ कर।